मेरठ के ग्राम बिसौला में हुए दंगे में पुलिस कर रही है भेदभाव, भयभीत नौजवान गांव छोड़ कर फरार
नई दिल्ली। यूपी के जिला मेरठ के थाना इंचौली अंतर्गत ग्राम बिसौला में 4 नवम्बर 2018 रविवार शाम के वक़्त दो गाड़ियों की आपस में हुई मामूली सी रगड़ के कारण माहौल इतना बिगड़ गया कि प्रशासन को पीएसी तैनात करना पड़ा। आपसी तू तू मैं मैं में मामला साम्प्रदायिक हो गया और दो समुदाय के लोंगों के बीच सैकड़ों राउंड गोलियां चली, जिसमे मो एजाज नामक युवक गोली लगने से घायल हो गया है। एजाज अस्पताल में भर्ती हैं जहां पर उनका इलाज चल रहा है लेकिन पुलिस ने एजाज की तरफ दी गयी शिकायत पर एफआईआर नही लिखा है।
पथराव में कई लोग घायल हुए हैं जिनका इलाज चल रहा है। पुलिस ने किसी का मेडिकल नही करवाया है। जिसको गोली लगी है उसको पुलिस ने फर्जी बताया है। पुलिस का कहना है कि गोली नही लगी है, इसने अपने आप को स्वं चाकू मार लिया है। अब घायलों ने अपने आप सर फोड़ लिया या नकली सर फोड़ कर गए यह सवाल पुलिस और जांच एजेंसियों के बना हुआ है।
फुरकान अहमद ने 14 लोंगों के ख़िलाफ़ थाने में शिकायत किया था और दूसरे पक्ष ने 18 लोंगों के ख़िलाफ़ शिकायत किया था। पुलिस ने 18 लोंगों को गिरफ्तार कर के सब पर मुकद्दमा दर्ज कर दिया जबकि दूसरे पक्ष के तरफ से दी गयी शिकायत पर कोई कार्रवाई नही हुई।
दूसरे पक्ष से कोई घायल नही हुआ है। प्रशासन ने उनके मुहल्ले में सुरक्षा के मद्देनजर पीएसी लगाया हुआ है लेकिन मुस्लिम मुहल्ले में सुरक्षा का कोई इंतजाम नही है।
संगीत सोम ने माहौल को साम्प्रदायिक रंग देने का किया प्रयास
सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम ने क्षेत्र का दौरा किया और पूरे मामले को सांप्रदायिक बनाने का प्रयास किया लेकिन प्रशासन ने अपनी सूझ बूझ से मामले को संभाल लिया, फिर भी संगीत सोम ने मामले में दखलंदाजी करके मुस्लिम समाज के लोंगों द्वारा करवाई गई एफआईआर को फर्जी साबित करवाते हुए खत्म करवा दिया और मुसलमानों की गिरफ्तारी के लिए शासन और प्रशासन पर दबाव बनाया।
संगीत सोम के दखल के बाद से पुलिस ने मुस्लिम नौजवानों को घरों से उठा उठा कर जेल भेजने का काम कर रही है। जिसमे ज्यादातर लोंगों को उपरोक्त विवाद के सम्बंध में जानकारी भी नही है।
घरों में लूट पाट और महिलाओं से हुआ अभद्र व्यवहार
गांव वालों का कहना है कि संगीत सोम के दखल के बाद से पुलिस ने गांव में जम कर तांडव किया और लोंगों के घरों में घुस कर लूट पाट और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। गांव की महिलाएं और बुजुर्गों के साथ पुलिस ने मार पीट किया। जो कुछ हाथ लगा सब उठा ले गए। लोंगों के घरों के दरवाज़े, चारपाई और बर्तनों को तोड़ा गया, सामानों को तितर बितर कर दिया गया।
भयभीत महिलाओं और युवाओं ने गांव छोड़ा
भयभीत युवाओं और महिलाओं ने गांव छोड़ दिया है। कुछ अपने रिश्तदारों के यहां तो कुछ दिल्ली भाग गए है, जिसके पास कोई ठिकाना नही है वह लोग जंगलों में जाकर छुपे हुए हैं।
गांव के नौजवान दिलशाद ने बताया कि ज्यादातर लोंगों को विवाद के विषय में कोई जानकारी भी नही है फिर पुलिस उन्हें उठा रही है।
गरीब लोंगों का गांव है। सीधे सादे लोग अपने कमाने खाने के अलावा किसी से कोई मतलब नही रखते हैं। पुलिस उनके घरों पर अपराधियों की तरह दबिश दे रही है और लोंगों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
मानव अधिकारों का हो रहा है उल्लंघन
न्याय पाने का सबका मानव अधिकार है और लोंगों को शांति और सुरक्षा उपलब्ध कराना प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी है। पुलिस और प्रशासन द्वारा जांच में भेद भाव करना और पुलिस द्वारा लोंगों का उत्पीड़न करना मानव अधिकारों का खुला उल्लंघन है।
उपरोक्त मामले पर एसडीएम से टेलीफोन पर बात हुई है, उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि प्रशासन किसी के साथ कोई भेदभाव नही कर रहा है। जो आरोपी हैं उन्हें गिरफ्तार किया गया है और किसी बेगुनाह को प्रताड़ित नही किया जा रहा है। गिरफ्तारी दोनों पक्ष के लोंगों की हुई है।
शांति व्यवस्था बनी रहे इसके लिए पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया है। अभी हालात काबू में है।
गुलिस्तां, संवाददाता ने जिला अधिकारी मेरठ से टेलीफोन पर बात करने का प्रयास किया लेकिन उनका फोन नही उठा। दूसरे पक्ष से बात करने का भी प्रयास किया गया लेकिन वहां से कोई भी बात करने को तैयार नही हुआ। संगीत सोम को भी फोन किया गया लेकिन उनका फोन भी नही उठा इस लिए बात नही हो पाई। By: KD Siddiqui, E-mail:editorguliatan@gmail.com